रिपोर्ट मनोज कुमार शर्मा
*मैनपुरी लोकसभा सीट को जीते बिना बीजेपी का उत्तरप्रदेश की 80 लोकसभा सीट जीतने का सपना अधूरा*
*1991 की रामलहर हो या 2014 व 2019 में चला मोदी का जादू हो। मैनपुरी सीट पर बीजेपी ने अपना परचम नहीं लहरा पाया।*
मैनपुरी लोकसभा सीट को जीते बिना बीजेपी का उत्तरप्रदेश की 80 लोकसभा सीट जीतने का सपना पूरा नहीं हो सकता,शायद इसी रिकॉर्ड को बनाने के लिए बीजेपी ने अब तक मैनपुरी से अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। मैनपुरी सीट पर बीजेपी किसी भी लोकसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी जिता नहीं पायी है। 1991 की रामलहर हो या 2014 व 2019 में चला मोदी का जादू हो। मैनपुरी सीट को सपा का गढ़ माना जाता है। मुलायम सिंह यादव ने 1996 में मैनपुरी से लोकसभा चुनाव लड़ा और वह पहली बार सांसद बने। समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी 1996 के बाद से जितने भी चुनाव हुए सभी में सपा प्रत्याशी चुनाव जीता। 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी एक फिर से मैनपुरी लोकसभा सीट पर पहली जीत के लिए प्रयासरत है और सपा प्रत्याशी डिम्पल यादव को चुनाव मैदान में कड़ी टक्कर देने की क्षमता रखने वाले प्रत्याशी की खोज में लगी है। समाजवादी पार्टी ने मैनपुरी से अपना प्रत्याशी बहुत पहले ही घोषित कर दिया था। मुलायम सिंह यादव की पुत्रवधू डिम्पल यादव मैंनपुरी से 2022 में लोकसभा के उपचुनाव में विजयी हुई थीं और मैनपुरी की जनता ने नेता जी के निधन के बाद रिक्त हुई मैनपुरी सीट पर उनकी पुत्रबधू को विजयी बनाया।हालांकि डिम्पल यादव को उपचुनाव में लोगों की सहानुभूति का फायदा मिला था। 2022 के उपचुनाव में 2 लाख 88 हजार मतों से चुनाव जीत चुकी डिम्पल यादव 2024 के चुनाव में पूरे दमखम के साथ चुनाव मैदान में हैं,उनके सामने भारतीय जनता पार्टी से केशव प्रसाद मौर्य,जयवीर सिंह,मनोज यादव,प्रेम सिंह शाक्य ,अपर्णा यादव ,रामनरेश अग्निहोत्री चुनाव मैदान में होंगे या फिर कोई और। फिलहाल बीजेपी की तरफ से यह नाम चर्चाओं में हैं।
मैनपुरी लोकसभा सीट पर 1952 के बाद से 1991 तक हुए चुनावों में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी सर्वाधिक बार चुनाव जीते,पर अन्य दलों के प्रत्याशी को भी विजय श्री मिली। 1996 से 2022 तक हुए 10 लोकसभा चुनाव व उपचुनाव में समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी ही मैनपुरी सीट से विजयी रहा। मुलायम सिंह यादव 5 बार,बलराम सिंह यादव 2 बार,तेजप्रताप यादव,धर्मेंद्र यादव व डिम्पल यादव 1-1 बार यँहा से चुनाव में विजयी रहे। एक तरह से कहा जा सकता है कि मैनपुरी लोकसभा सीट पर बलराम सिंह यादव को छोड़कर 1996 के बाद से सैफई परिवार का ही कब्जा रहा है। 2019 में जरूर मुलायम सिंह यादव की जीत का अंतर 94 हजार ही रहा और बीजेपी प्रत्याशी ने मुलायम सिंह यादव को कड़ी टक्कर दी थी।
मैनपुरी लोकसभा सीट पर तीसरे चरण में मतदान होना है। मैनपुरी की चुनावी लड़ाई सपा और बीजेपी प्रत्याशी के बीच ही होनी तय है,बीजेपी प्रत्याशी की घोषणा भी जल्द होने की संभावना है। मैनपुरी में सपा प्रत्याशी डिम्पल यादव लगातार चुनावी प्रचार में लगी हैं ,चुनाव प्रचार में तो उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी से बढ़त बना ही ली है। मैंनपुरी का चुनाव काफी रोमांचक होने की संभावना है,क्या सपा का गढ़ माने जाने वाली मैनपुरी सीट पर बीजेपी पहली बार केसरिया फहराने में सफल होगी,यह प्रश्न फिर से लोगों के जेहन में है।