
लालगंज प्रतापगढ़। तीन दिवसीय धार्मिक प्रवचन में संतों ने भगवान की महिमा का श्रद्धालुओ को कराया रसपान।
नगर के घुइसरनाथ रोड नहर के किनारे तीन दिवसीय धार्मिक प्रवचन में मंगलवार की देर रात तक श्रद्धालुओं की आस्था भगवान की कृपा में भावविभोर हुई दिखी। समापन पर देवरिया के प्रख्यात कथावाचक पं. अखिलेशमणि शांडिल्य जी ने कहा कि राम के प्रति अनुराग तभी फलीभूत हुआ करता है जब हम जीवन में रामत्व के गुणों को आत्मसात कर सकेगे। शिक्षामनीषी पं. रामनरेश मिश्र स्मारक आध्यात्मिक आयोजन के समापन पर आयोजन समिति द्वारा प्रबुद्ध वर्ग से जुड़े लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में योगदान के लिए व्यासपीठ से सम्मानित भी किया गया। कथाव्यास अखिलेशमणि जी ने कहा कि राम का नाम जपने मात्र से श्रीराम की किसी को निकटता नही मिला करती। श्रीराम की कृपा उनके गुणों को स्वीकार करते हुए जरूरतमंद की सेवा के साथ अत्याचार तथा अनीति के खिलाफ मुखर होने पर प्राप्त हुआ करती है। उन्होनें कहा कि पवनसुत हनुमान को भी अपनी शक्ति की सार्थकता भगवान श्रीराम के रामकाज में ही प्रतीत हुयी। शांडिल्य जी ने कहा कि प्रभु ने समाज तथा देश के निर्माण में लोगों की मदद और सेवा तथा कुरीति के खिलाफ मनुष्य को आचरण की सीख दी है। भगवान के बतलाए मार्ग पर ही भक्त और भक्ति की सिद्धि मिला करती है। आगरा की मानस विदुषी रेखा रामायणी तथा अयोध्या के रामशरणदास जी महराज ने भी अपने प्रवचन में भगवान श्रीराम के त्याग और तपस्या के स्वरूप का मार्मिक वर्णन किया। संचालन संयोजक राजकुमार मिश्र द्वारा किया गया। समापन बेला में आयोजन समिति के संरक्षक आचार्य रामअवधेश मिश्र द्वारा समाजसेवी प्रकाशचंद्र मिश्र, भागवत भूषण पं. विनय शुक्ल, आचार्य डॉ. शक्तिधरनाथ पाण्डेय, मानस टीकाकार डॉ. अम्बिकेश त्रिपाठी, एसएन त्रिपाठी, अनिल त्रिपाठी महेश, ज्ञानप्रकाश शुक्ल, दिनेश सिंह, रामजी जायसवाल को आध्यात्मिक सम्मान प्रदान किया गया। साहित्यकार पवन प्रखर, सुनील मिश्र, शैलेन्द्र सिंह, कालिका प्रसाद पाण्डेय, ने कथा में पधारे सन्तों का धार्मिक ग्रन्थ प्रदान कर सम्मान किया। इस मौके पर श्रीनारायण तिवारी, प्रदोष नारायण सिंह, नरेन्द्र नारायण तिवारी, आदर्श मिश्र, साकेत मिश्र, भानु प्रताप सिंह, बीडी सिंह बघेल, राममूर्ति वर्मा, राम उजागिर यादव, रामकुमार सिंह आदि रहे। स्वागत अधिवक्ता रमेश मिश्र व आभार प्रदर्शन संह संयोजक अनूप मिश्र ने किया।