💥 *बड़ी खबर*💥 *सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले मे पतंजलि की खिंचाई की।* अदालत के आदेशो का उल्लंघन वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए पतंजलि अपने मीडिया विभाग पर दोष नही मढ़ सकती, आचार्य बालकृष्ण और बाबा रामदेव की माफी को महज दिखावा बताया,बाबा रामदेव को सबसे पहले कोर्ट में माफी मांगनी चाहिए थी, कोई जनहित और बड़े अच्छे तर्क स्वीकार्य नही, अवमानना मामले को अंजाम तक ले जाना है, ये पूर्ण अवहेलना, हम यहां पतंजलि को सबक सिखाने के लिए नहीं हैं, बाबा रामदेव की तुलना आम नागरिकों से बिल्कुल भी नहीं की जा सकती। रामदेव ने योग के लिए काफी कुछ किया लेकिन इससे चिकित्सा की आलोचना का लाइसेंस नहीं मिल जाता। पतंजलि ने प्राथमिक तौर पर झूठी गवाही दी है क्योंकि बाद मे बनाए दस्तावेज़ो को दाखिल किया गया बताया गया, आयुष मंत्रालय ने यह प्रचारित क्यो नही किया कि पतंजलि उत्पाद केवल एलोपैथी आदि के पूरक है।