
रेलवे खत्म कर सकता है आरक्षित टिकट रद्द करने का चार्ज
कन्फर्म नहीं होने पर ऑटोमेटिक कैंसिल होने वाले टिकटों पर लगने वाला चार्ज रेलवे खत्म कर सकता है । इसे लेकर मंथन शुरू कर दिया गया है । रेलवे अफसर इससे होने वाली राजस्व हानि से लेकर यात्रियों को मिलने वाली सुविधा तक तमाम पहलुओं पर विचार कर रहे हैं । आईआरसीटीसी की वेबसाइट से सर्वाधिक टिकट बनाए जाते हैं । इसके अतिरिक्त रेलवे आरक्षण केंद्रों से भी पैसेंजर टिकट बनवाते हैं । ऑनलाइन बनवाए जाने वाले टिकट यदि वेटिंग में रह जाते हैं तो ऑटोमेटिक कैंसिल हो जाते हैं । ऐसे में रेलवे 60 रुपये का क्लेरिकल चार्ज काटने के बाद शेष धनराशि यात्रियों को लौटाता है । वहीं काउंटर से बनने वाले वेटिंग टिकटों पर रेलवे यात्रा की सुविधा प्रदान करता है । ऑटोमेटिक कैंसिल होने वाले टिकटों से अकेले यूपी में रेलवे को 450 से 600 करोड़ रुपये की आमदनी प्रतिवर्ष होती है । यह धनराशि यात्रियों की जेब से जाती है ।