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ग्राम प्रधानों ने पंचायत सचिव के खिलाफ खोला मोर्चा लगाया गंभीर आरोप

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ग्राम प्रधानों ने पंचायत सचिव के खिलाफ खोला मोर्चा लगाया गंभीर आरोप

मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत विधवाओं को दिए जा रहे आवास में पैसे मांगने का आरोप

परिवार रजिस्टर की नकल देने के लिए ग्रामीणों से तीन सौ से पांच सौ तक की वसूली का आरोप

अम्बेडकरनगर बसखारी ब्लॉक के नसीराबाद, नौरहनी रामपुर, औझीपुर वा कल्याणपुर उदनपुर के ग्राम प्रधानों ने *पंचायत सचिव जय नारायन यादव* पर गंभीर आरोप लगाते हुए सीडीओ तथा डीपीआरओ को प्रार्थना पत्र देते हुए अपने ग्राम सभा से हटाए जाने की मांग की, और बताया की इस समय मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत विधवा गरीब महिलाओं को जिनकी उम्र 18 से 40 वर्ष है उनका रजिस्ट्रेशन कर आवास दिया जा रहा है, ग्रामीणों तथा प्रधान का आरोप है की उसमे भी पंचायत सचिव दस हजार से पंद्रह हजार रूपये की मांग कर रहे है, उन्होंने कहा की अगर कोई ग्रामीण परिवार रजिस्टर की नकल लेने जाता है तो उससे तीन सौ से पांच सौ रुपए वसूल रहे है, वही पूर्व में आए प्रधान मंत्री आवास की जिओ टैगिंग में भी अपनी मनमानी कर वसूली कर रहे है। अगर देखा जाए तो ऐसे भ्रष्ट ग्राम पंचायत अधिकारी की वजह से सरकार की योजना जमीनी स्तर पर कोसनों दूर दिखता है यह मान लिया जाए कि भारत सरकार की तरफ से तरह- तरह की योजना लागू कर ग्राम सभाओं विकास करना चाहती है। लेकिन ग्राम पंचायत अधिकारी निजी स्वार्थ में संलिप्त होकर भारत सरकार के मनसूबों पानी फेरते नजर आते हैं । जिसका खामियाजा भारत सरकार को भुगतना पड़ता है.. जब पांच वर्ष के बाद चुनाव होते हैं तो जनता भारत सरकार को कोसती है। और जब जनता अपना मत देकर चुनाव के जब चौंकाने परिणाम आता है ‌। तब सरकारें चुनाव हारने की समीक्षा बैठक करता है हार का अगर सरकारें पांच वर्ष पहले ही अपने विकास पर समीक्षा बैठक करलें तो पछताना ना पड़े। फिलहाल जयनारायन ग्राम पंचायत अधिकारी के ऊपर क्या कार्यवाही जिम्मेदार अधिकारी हैं यह चौंकाने वाली बात होगी क्योंकि

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इसलिए ऐसा कहना पड़ रहा है कि भ्रष्टाचार जिम्मेदार अधिकारी संलिप्त होने के कारण कार्रवाई आज तक अंबेडकर नगर में ऐसा नहीं हुआ कि जिससे अधिकारियों में भय प्राप्त हो। और वह भारत सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाएं ऐसा अंबेडकर नगर में देखने को नहीं मिलता इसीलिए सरकार को पांच वर्ष के बाद पछताना पड़ता है और सरकार गिरने के बाद समीक्षा बैठक होती है इसके पहले समीक्षा बैठक ना करके सरकार विकास का ढिंढोरा पीटती रहती है ।

_सवाल बना हुआ है आखिर कैसे होगा ग्राम सभा का विकास जब ग्राम विकास अधिकारी ही विकास में रोड़ा बने हुए है पंचायत सचिव का ये कोई नया मामला नही है ये तो पहले से ही विवादित रहे है_

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