बलिया ll रामगढ़ हुकुम छपरा गंगापुर में संचालित महर्षि भृगु वैदिक गुरुकुलम के तत्वावधान में गंगा सप्तमी के पावन अवसर पर अनवरत शिवार्चन गुरुकुल गंगा आरती प्रकल्प अंतर्गत गंगा पूजन कर दीप दान किया गया गुरुकुलम के आचार्य श्री मोहित पाठक जी ने बताया राजा सगर के 60,000 पुत्र थे, जिन्हें महर्षि कपिल के श्राप से भस्म कर दिया गया था। राजा सगर के पुत्रों को मोक्ष दिलाने के लिए राजा भागीरथ जी ने कठोर तपस्या की और गंगा माता को स्वर्ग से धरती पर लाने की प्रार्थना की।
भागीरथ जी की तपस्या से प्रसन्न होकर, देवी गंगा धरती पर आने को तैयार हो गई।
देवी गंगा का वेग इतना तेज था कि पृथ्वी उसका सहन नहीं कर सकती थी। इसलिए, भगवान शिव ने गंगा को अपनी जटाओं में धारण कर लिया और नियंत्रित रूप से धरती पर अवतरित होने दिया।
भगवान शिव ने गंगा नदी को अपनी जटाओं में धारण वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को किया था, इसलिए इस दिन को गंगा सप्तमी के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर राजकुमार उपाध्याय धनंजय कौशल पांडेय उपाध्याय बबलू सिंह धीरज सिंह अभय उपाध्याय अर्जुन भाई शैलेंद्र ओझा उमाशंकर पांडेय सहित अन्य भक्तजन उपस्थित रहें