
ओड़िया सिनेमा को एक नया आयाम देने वाली फिल्म ‘इन्द्रधनुष’ इस शुक्रवार को ओडिशा के 12 सिनेमाघरों में रिलीज़ होने जा रही है, जिसमें राजधानी भुवनेश्वर के तीन मल्टीप्लेक्स भी शामिल हैं। यह फिल्म एक अनूठा सिनेमाई प्रयोग है जो इन्द्रधनुष के सात रंगों की प्रतीकात्मकता और भावनात्मक अर्थों पर आधारित सात लघु कथाओं को प्रस्तुत करती है।
फिल्म की हर कहानी एक रंग को दर्शाती है — जिनमें प्रेम और इच्छा से लेकर विश्वास, आशा, भय, अपेक्षा और शून्यता जैसे भावनात्मक पहलुओं को दर्शाया गया है। कहानी की शुरुआत बैंगनी गुलाब से होती है और समापन लाल रंग के सूर्यास्त पर होता है, जो विश्वास, स्वप्न और टूटे दिलों की भावनाएं सामने लाता है।
‘इन्द्रधनुष’ से निर्देशक अर्जुन समंतराय अपने निर्देशन की शुरुआत कर रहे हैं। उन्होंने फिल्म की सिनेमेटोग्राफी और संपादन का कार्य भी खुद संभाला है। फिल्म की मूल संकल्पना युवा लेखक सूर्यस्नता त्रिपाठी की है, जो सह-निर्माता के रूप में सुरभि पटनायक के साथ भी जुड़े हैं। फिल्म के निर्माता प्रसिद्ध सिने व्यक्तित्व राजेन्द्र मोहंती हैं।
स्क्रीनप्ले में निखिलेश मिश्रा, सरोज बाल, बादल मोहंती और सूर्यस्नता त्रिपाठी का योगदान रहा है। संगीत अनुराग पटनायक द्वारा रचा गया है, जबकि टाइटल ट्रैक देवदास छोटोराय द्वारा लिखा गया है और सुस्मिता दास तथा रतिकांत सतपथी की आवाज़ में है। इसका संगीत अनुभवी संगीतकार ओम प्रकाश मोहंती ने तैयार किया है।
फिल्म में चौधरी बिकाश दास, दीपंविता दासमहापात्र, स्मिता मोहंती, रमाकांत मिश्रा, भास्वती बसु, देबदत्त पति, अभिषेक गिरि, धृति खंडवाल, सुधाश्री मधुस्मिता, रिंकू प्रधान, सौम्य रंजन, समर्पिता, दिशानी देबांजना, सागर शरंगी, अमीषा मोहंती, रूपश्री समेत कई प्रतिभाशाली कलाकारों ने अभिनय किया है।
मुख्यधारा की फिल्मों से अलग, ‘इन्द्रधनुष’ साहित्य और दृश्य कला का समावेश करते हुए एक प्रयोगात्मक शैली में बनाई गई है, जिसका उद्देश्य आधुनिक दर्शकों को गहराई से जोड़ना है। निर्माताओं का मानना है कि यह फिल्म पारंपरिक सिनेमा से हटकर एक नई सोच और भावनात्मक यात्रा को प्रस्तुत करती है।
निर्माण टीम ने दर्शकों से अनुरोध किया है कि वे सिनेमाघरों में जाकर फिल्म देखें, कहानियों को महसूस करें और अपने विचार साझा करें। उन्हें विश्वास है कि फिल्म की भावनात्मक गहराई और कलात्मक प्रयोग दर्शकों को जरूर प्रभावित करेंगे।